Wednesday, December 29, 2010

जाने कितनी रात


जाने कितनी रात के बाद सुबह नहीं आयी
जाने कितने समय बाद तुम्हारी याद नहीं आयी
अब खो गया हूं अपने को याद करने में ही
जाने कितने दिन बाद आइने पर तुम्हारी तसवीर नहीं आई

1 comment:

  1. कितना बकवास लिखते हो यार ......... पहले थोड़ा पढ़ लो फिर शुरू करना..।




    नवीन कुमार विश्वकर्मा

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