Wednesday, December 29, 2010

जाने कितनी रात


जाने कितनी रात के बाद सुबह नहीं आयी
जाने कितने समय बाद तुम्हारी याद नहीं आयी
अब खो गया हूं अपने को याद करने में ही
जाने कितने दिन बाद आइने पर तुम्हारी तसवीर नहीं आई

जाने कई साल पहले...


जाने कई साल पहले कुछ सपने बुने थे
जिंदगी के ताना - बाना में उलझ गया
जब फुर्सत मिली एक पल
अतीत याद करने के लिए
तो वह सपना...सपना ही रह गया.

Sunday, November 28, 2010

महत्वपूर्ण खबर


अकबर बीरबल से ....बीरबल...महत्वपूर्ण खबर की परिभाषा बताओ...
बीरबल....किसी संस्थान में काम करने वाले रिपोर्टर से जो खबर छूट जाए....वह खबर दूसरे अखबार में छप जाए....भले ही वह खबर चिरकुट ही क्यों ना हो.... जहांपनाह वही महत्वपूर्ण खबर है....