उड़ीसा में बारहवीं क्लास के एक किताब में लिखा गया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा एक उग्रवादी संगठन है. यह संगठन देश के विकास में बाधक है. उड़ीया भाषा में लिखा गया यह मजमून पढ़ कर झामुमो सुप्रीमो शबू सोरेन के सकते में आना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. झामुमो से समर्थन लेने वाली बीजू जनता दल वाली सरकार के समय यह किताब में छपना आश्चर्य की बात है. वर्ष 2008 में जब बीजू जनता दल और भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. इसी वर्ष कंधमाल में दंगा हो जाने के कारण भाजपा ने बीजद से अपना समर्थन वापस ले लिया था. उस समय झामुमो ने बीजद को समर्थन दिया था. हलांकि बारहवीं की किताब का प्रकाशन वर्ष 2006 को हुआ था.
यह मामला मीडिया में आने के बाद झामुमो सुप्रीमो शबू सोरेन ने उड़ीसा के राज्यपाल को एक पत्र के माध्यम से कहा कि इस संबंध में तुरंत कार्रवाई की जाए.
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